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1. हाथी और दोस्त
हाथी दिन हाथी जंगल की चारों घूमकर ओर दोस्तों की तलाश कर रहा था ।
उसे एक बंदर दिखा, वह बंदर के पास गया और पूछा है, "क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे, बंदर?"।तो बंदर ने कहा की "तुम बहुत बड़े हो और मेरे जैसे पेड़ पर झूल नहीं सकते। इसलिए हमारी दोस्ती मुश्किल है "।यह सुनने के बाद हाथी चला गया।
फिर हाथी ने एक खरगोश को देखा।वह उससे पूछता है कि "क्या तुम मेरे दोस्त बन सकता हो"।खरगोश ने कहा "तुम तो बहुत बड़े हो और तुम मेरे घर के अंदर नही आ पाओगे । इसलिए तुम मेरे दोस्त नहीं हो सकते ”।यह सुनकर हाथी उदास हो कर चला गया।पर उसने हार नहीं मानी।
उसी रास्ते में उसे एक मेंढक मिला। हाथी ने मेंढक से पूछा कि "क्या तुम मेरे दोस्त बन सकते हो"। मेंढक ने कहा, “तुम बहुत बड़े और भारी हो। तुम मेरे जैसे कूद भी नहीं सकते। मुझे माफ़ कर दो, लेकिन तुम मेरे दोस्त नहीं हो सकते"। यह सुनकर हाथी इस बार बहुत उदास हो गया था और उसका दिल भी टूट गया था। और वह एक बड़े पेर के नीचे बैठ गया।
हाथी बैठकर कुछ सोच रहा था की तभी एक लोमड़ी खाने की तलाश में उस पेर के पास पहुंचा।तो हाथी उदास होके उससे पूछता है की"क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे"।यह सुनकर लोमरी ने हाथी से कहा"तुम बहुत बड़े और भारी भी हो और तुम तेज नही दौर पाओगे"।
यह सुनने के बाद हाथी को उदासी और थकान के कारण नींद आ गई । जब उसकी नींद खुली तो उसने देखा की सारे जानवर शोर मचा रहे हैं और इधर–उधर भाग रहे हैं।हाथी ने उसी लोमरी को भागते हुए देखा तो हाथी ने पूछा क्या हुआ बारे परेशान लग रहे हो क्या हुआ? लोमरी ने कहा कि "बाघ ने हम सभी पर हमला कर दिया और हमे खाना चाहते है"।
यह कहकर लोमरी फिर से भागने लगा।तो हाथी समझ गया कि अब मुझे ही कुछ करना होगा। हाथी बाघ के सामने गया और कहा"बाघ जी हमारे मित्रों को छोड़ दीजिए"।बाघ ने उसकी बात नही मानी और उन्हें खाने को दौरा । हाथी ने बाघ को गुस्से में एक लात मारा और उसपर चढ़ गया। बाघ डर के भाग गया।
वह वापस गया और फिर दूसरों को अपनी कहानी बताई । यह सुनकर कि हाथी ने बाघ को कैसे भगाया , तो सभी जानवरों ने कहा की "आप हमारे दोस्त बनने के लिए बिल्कुल सही आकार हैं"।
फिर सभी हाथी के दोस्त हो गए।
नैतिक:–
दोस्त कई तरह के और कई आकार में आ सकते हैं!
• सबके दिल में एक सपना होता है (Moral story)
2. बिल्ली और बंदर
दोपहर के बाद, बिल्ली के दो बच्चे ने केक का एक टुकड़ा देखा और केक को बराबर खाने के लिए दोनो झगड़ा करने लगी। उसी जगह एक बंदर आया और सोचा कि " यह केक मुझे खाने का एक अवसर है"। फिर उसने कहा "तुम दोनो झगड़ा मत मैं तुम दोनों को बराबर केक दे देता हूं" और उसने केक बांटना शुरू किया।
बंदर ने केक को दो भागों में बांटा, और लेकिन सिर हिलाया और कहा कि वे बराबर नहीं हैं। फिर उसने केक का छोटा सा हिस्सा खाया । फिर उसने थोड़ी देर देखा , फिर सिर हिलाया और कहा कि वे बराबर नहीं हैं।
और फिर उसने केक का छोटा सा हिस्सा खाया लेकिन फिर भी पाया कि वे बराबर नहीं थे।बिल्ली के बच्चे उसे देख कर सहमत थे।लेकिन उसने तब तक ऐसा करना जारी रखा जब तक केक पूरा खत्म ना हो गया, फिर बिल्ली के बच्चे उसे देखकर निराश हो गए।
नैतिकता:-
जब आप खुद से झगड़ेंगे तो दूसरों को इससे फायदा होगा।
3. चील और तीर
चील एक ऊंची चट्टान पर बैठी थी ।उसी जगह एक शिकारी आया ।चील ने जमीन पर अपने शिकार को देखा की शिकारी ने पेड़ के पीछे गया । फिर चील अपने काम में लग गया फिर शिकारी निकला और तीर चला दिया। और वह तीर सीधे चील की तरफ आ रहा था। चील को अनजाने में तीर लग गया।और जब चील जमीन पर गिर गया और घाव से खून बह निकला, तो उसने देखा कि तीर तो उसी की पंखों से बना है। और फिर सोचा:- "ओह, मैं अपने ही पंखों से बने तीर से घायल हो गया"।
नैतिक:-
हम अक्सर दुश्मन को खुद को नुकसान करने का साधन देते हैं।
[ 2 शॉर्ट स्टोरीज इन हिंदी अकबर और बीरबल का
(पढ़ें) ]
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